Sunday, January 15, 2012

बुरा ना देखो..


चन्द आँखों ने देखा और मुंह मोड़ लिया
चन्द कानों ने सुना और हाथों से खुद को ढँक लिया
चन्द अल्फाज़ निकले पर किसी की समझ ना आये
मानो शब्द ही गुम हो गए कोष से उनके
आज़ादी की दुर्दशा है ये देखो
गाँधी के इस देश में
सब उनके बन्दर बन गए

(pic courtesy : http://thethreemonkeys.com/)